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May 5, 2025May 5, 2025

अम्मी की चुदाई दोस्त के ताऊ जी के साथ – Muslim sex story

Hindi Chudai Kahani – हैलो दोस्तों, मैं फैजल आपका स्वागत करता हूं एक नई चुदाई की कहानी में। यह कहानी मेरी अम्मी की है। कैसे उन्हें मेरे दोस्त के ताऊ जी ने चोदा, पढ़िये इस कहानी में।

मेरी अम्मी रज़िया, 37 साल की खूबसूरत, साथ ही सेक्सी फिगर वाली औरत है। वो ज्यादातर घर पर सूट ही पहनती है, और शादी और पार्टी में साड़ी पहन लेती है। मेरे दोस्त के ताऊ जी रमेश अंकल, वो 53 साल के हट्टे-कट्टे किसान आदमी है। वो गांव में रहते है, और खेती करते है‌। मैं और मेरा दोस्त राज हम 19 साल के है। कहानी शुरू करता हूं।

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यह बात गर्मी के दिनों की है। हमारी परीक्षा हो चुकी थी। राज की बहन की शादी थी उसके गांव में, और उसने मुझे और मेरे परिवार को उसके गांव शादी में बुलाया था। मेरा परिवार उसके परिवार को अच्छे से जनता है, और हमको उसके गांव जाना था।

मैं और अम्मी सुबह से तैयार हो कर बस स्टैंड निकल गए। अम्मी ने सूट पहना था, जिसमे उनकी गांड और बूब्स आराम से उभर कर दिख रहे थे। अम्मी बुरखा बहुत कम पहनती है।

अम्मी: बेटा कितनी बजे आएगी बस?

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मैं: बस आने वाली है। समय तो हो गया है।

हम दोनों वह खड़े-खड़े बात कर रहे थे, और आने-जाने वाले लोग अम्मी को घूर कर देख रहे थे। मन ही मन कितने लोग उन्हे नंगा करके चोद चुके थे। बस आ जाती है, और हम सीट पर बैठ जाते है। सफर 4-5 घंटों का था, तो हमने सीटर बस ही बुक की थी।

बस में घुसे कंडक्टर और बस के सभी मर्द और लड़के अम्मी का हुस्न देख कर मजे लेने लगे। गर्मी के कारण अम्मी को पसीना आया हुआ था, तो बदन और चमक रहा था। मैं और अम्मी बात करते-करते कब राज के गांव पहुंच गए, पता ही नहीं चला। राज और उसके भईया राहुल हमको बस स्टैंड लेने पहुंच गए‌।

राज: नमस्ते आंटी।

अम्मी: नमस्ते राज, कैसे हो तुम, और कैसी चल रही है शादी की तैयारी?

राज: अच्छी चल रही है। अब आप आ गए है तो और मजा आएगा।

अम्मी: हां जरूर बेटा।

राज के भइया अम्मी को देख रहे थे हवस की आखों से। फिर हमने सामान कार में रखा, और निकल गए। राहुल कार चला रहा था, राज आगे बैठा था। मैं और अम्मी पीछे बैठे हुए थे। राहुल बार-बार मिरर से अम्मी को देख रहा था। यह बात अम्मी ने नोटिस कर ली थी, पर कुछ बोली नहीं। उनको पसंद है जब कोई उनको अटेंशन देता है।

हम शादी वाले घर पहुंच गए थे। राज के दो घर थे। दूसरे घर हमने सामान रख दिया। उसी घर मैंने सबसे पहले रमेश अंकल को देखा था। वो दिखने में बहुत स्ट्रांग है। कुर्ता और लूंगी पहनते है। अंकल अम्मी और अब्बू को पहले से जानते है।

अंकल: अरे रज़िया जी, आ गए आप?

अम्मी: हां भाई साहब, आपने बुलाया था, आना तो पड़ेगा ही।

अंकल: और फैजल बेटा, कैसे हो? तुम्हारे अब्बू नहीं आए?

मैं: मैं ठीक हूं अंकल।

अम्मी: इसके अब्बू के पास समय कहा है अपने काम से? पर शादी के दिन आ जाएंगे।

अंकल: अच्छा ठीक है, आप दोनों आराम करो। थक गए होंगे सफर में। राज इनको कमरा बता दो।

राज हमको कमरे में ले जाता है। उसका घर बड़ा है और बहुत कमरे है। वो हमारा सामान रख देते है। फिर अम्मी और मैं थोड़ी देर सो जाते है, और शाम को नींद खुलती है

अम्मी और मैं शादी वाले घर चले जाते है। वहीं हमको सब मिलते है। राज का पूरा परिवार हमको मिलता है। मैं और राज गांव में घूमने निकल जाते है, और अम्मी सभी के साथ होती है। रात को मज़ा करके मैं और राज एक रूम में सो जाते है, और अम्मी बगल वाले कमरे में सो जाती है।

मुझे नींद नहीं आती है। थोड़ी देर के बाद मुझे अम्मी की आवाज आती है। वो शायद किसी से बात कर रही थी। मैं कमरे से बाहर निकला तो रमेश अंकल और अम्मी दोनों आंगन में बैठ कर बाते कर रहे थे।

दोनों हस-हस कर बात-चीत कर रहे थे, जैसे बहुत अच्छे दोस्त हो। इतना हस्ते हुए मैंने अम्मी को अब्बू के साथ भी नहीं देखा। अम्मी ने सूट पहना था, उसमें से उनकी क्लीवेज दिख रही थी।

अम्मी: अरे रमेश जी, आप तो हमारे घर आते ही नहीं हो। बहुत दिन हो गए।

अंकल: समय ही नहीं मिलता है खेतों से, कैसे आऊं?

अम्मी: क्यूं, आपको मेरी याद नहीं आती?

अंकल: याद तो बहुत आती है तुम्हारी रज़िया।

अम्मी: तो आ जाया करो। दिन भर अकेली रहती हूं। फैजल और उसके अब्बू दोनों घर नहीं होते है।

अंकल: अकेले तो यहां भी है हम दोनों रज़िया।

अम्मी: शादी वाले घर में कैसे अकेले?

अंकल: अब तो सब सो गए है रज़िया। चलो ना, पुरानी यादे ताज़ा करते है।

अम्मी: अरे अब नहीं, अब तो मेरी उम्र हो गई, और तुम्हारी भी।

अंकल: अरे तुम तो अभी भी जवान हो रज़िया।

अम्मी: अच्छा जी।

दोनों की बाते सुन कर पता चल गया यह दोनों बहुत समय से एक-दूसरे को जानते थे। दोनों ऐसे ही बाते करते रहे, और दोनों अम्मी के कमरे में चले जाते है। मैं यह देख कर दंग रह जाता हूं। वो जाते ही दरवाजा अंदर से लॉक कर देते है।

थोड़ी देर मैं इधर-उधर देखता हूं तो मुझे एक खिड़की दिखती है, जो खुली हुई थी। मैं उसके अंदर झांकने की कोशिश करता हूं। मेरे को अंदर का नजारा दिखने लगता है। मैं समझ तो गया था उनकी बाते सुन कर,‌‌ कि वो क्या करने की बातें कर रहे थे।

मैं जेसे ही अंदर देखता हूं, अम्मी अंकल की गोदी में बैठी हुई थी, और दोनों के होंठ चिपके हुए थे। यह देख कर मुझे अच्छा भी लग रहा था, और गुस्सा भी आ रहा था। अंकल अम्मी के होंठों को चूस रहे थे। अम्मी भी उनका पूरा साथ दे रही थी।

अंकल: रज़िया मेरी जान, आज भी तेरे होंठ इतने ही रसीले है, जैसे पहले थे।

अम्मी: और तुम भी वैसे ही हो आज भी।

अंकल अम्मी के बूब्स पर हाथ फेरने लगते है, और अम्मी को हर जगह छूने लगते है। अम्मी पूरे मजे लेती है अंकल के कठोर हाथों के। अंकल फिर से किस्स करने लगते है, और सूट के ऊपर से बूब्स मसलने लगते है। अम्मी का चेहरा लाल होने लगता है। यह देख मेरा लंड भी खड़ा होने लगता है।

अंकल बूब्स दबाते है, और अम्मी की सिसकियां निकलने लगती है। वो अम्मी को बिस्तर पर लिटा कर अम्मी के ऊपर चढ़ जाते है। फिर अम्मी के पूरे शरीर को चूमने लगते है। वो गाल, गले, होंठ, हर जगह उनको किस्स करते है।

अम्मी: अहह रमेश जी बड़े दिनों बाद इतने सक्त हाथों का स्पर्श हुआ है।

अंकल: हां मेरी जान।

अम्मी का सूट ऊपर करके उनके पेट पर किस्स करने लगते है। अम्मी का पेट थोड़ा बाहर आ रहा था। धीरे-धीरे वो अम्मी का पूरा सूट निकाल देते है। अम्मी अब ब्रा में थी अंकल के सामने।

फिर अम्मी अंकल के ऊपर आ जाती है और उनका कुर्ता निकाल देती है। वो उनके सीने को किस्स करने लगती है। अंकल अम्मी की गांड‌ दबाने लगते है। अम्मी को मैंने पहली बार एसे देखा था। ब्रा में से उनके बूब्स और उभर कर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे।

दोनों एक-दूसरे के जिस्म के पूरे मजे ले रहे थे। अंकल अम्मी के बूब्स ब्रा के ऊपर से दबाने लगे। अम्मी की सिसकियां उनको और जोश दे रही थी। दोनों पसीने में पूरे गीले हो गए थे। उनका शरीर चमक रहा था। अम्मी तो बिल्कुल कड़क माल लग रही थी ब्रा में।

दोनों पूरे मजे ले रहे थे। इतने में अंकल का फोन बजता है, और वो काल अटेंड करते है, और बात करने लगते है। बात खतम होने के बाद कुर्ता पहनने लगते है।

अम्मी: क्या हुआ, कहा जा रहे हो?

अंकल: मुझे जाना पड़ेगा जरूरी।

अम्मी: क्या तुम भी, फैजल के अब्बू की तरह बिना गर्मी शांत किए बिना जा रहे हो।

अंकल: अरे मेरी जान, तेरी गर्मी शांत करूंगा। तेरे नल्ले शौहर की तरह नहीं हूं।

अम्मी: अच्छा ठीक है।

अंकल कपड़े पहन कर अम्मी को किस्स करते है और निकल जाते है। अम्मी ऐसे ही बिस्तर पर पड़ी रहती है और सो जाती है। मैं भी अपने कमरे जा कर सो जाता हूं

आगे की सेक्स कहानी जानने के लिए बने रहे। धन्यवाद आप सब का कहानी पढ़ने के लिए। अपना अनुभव मेरे साथ जरूर सांझा करे। मेरी ईमेल आइडी [email protected] है।

प्यासी भाभी और आंटी मुझे जरूर मैसेज करे रियल मीट के लिए, और अपनी सेक्स कहानी शेयर करने के लिए।

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